इस lockdownने हर किसीको, बहुत कुछ सिखा दिया…
एक ही डोर से बंधे पर दूर रेहनेवालों को
फिर साथ-साथ रहना सिखा दिया,
हमेशा जो लोग time न होने का देते थे excuse,
उन्हें time ही time होने का एहसास दिला दिया,
महिनों तक जो लोग job कि वजह से घर से दूर थे
उन्हें परिवार के साथ मिलने का मौका दिला दिया,
जो कभी hotel से, कभी swiggy या कभी zomato से करते थे खाने का order..
उन्हें फिर से माँ के हाथ से बने खाने का स्वाद चखा दिया..
इस lockdown ने हर किसीको बहुत कुछ सिखा दिया …
पैसों के पीछे भागने में लगा था हर कोई,
अपने आप को भुलाकर जी रहा था हर कोई,
जिंदा तो सभी थे मगर जिंदगी के लिये मर रहा था हर कोई,
तेज रफ्तार वाली इस दुनिया को थोडासा break लगा दिया…
इस lockdown ने हर किसीको बहुत कुछ सिखा diya…
धीरे-धीरे ही सही हमें ये समझ आ ही गया
के जिंदगी अपनों के साथ जीने का नाम है
वरना आखरी सांस तक बस काम ही काम है,
जीलो जी भरकर ये जो आज तुम्हारे पास है..
कल जब ये lockdown खत्म हो जायेगा..
हर कोई फिर से busy हो जायेगा…
फिर ना कहना के मुझे कुछ करने का वक्त ही नहीं मिला..
जबकी इस बार, वक्त ने ही, खुदको तुम्हारे लिए रोक लिया !!
इस lockdown ने हर किसीको बहुत कुछ सिखा दिया….
Very beautiful poem and reality
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Thank you sir
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